आरोग्य भारती 40 प्रांतो में सक्रिय
कार्यक्रम के आरम्भ में विष्य प्रस्तावना में आरोग्य भारती के राष्ट्रीय संगठन सचित डॉ. अषोक कुमार वार्ष्णेय ने बताया कि आरोग्य भारती 40 प्रांतो में सक्रिय है और 20 हजार से ज्यादा आरोग्य मित्र काम कर रहे है। आरोग्य भारती में स्वास्थ्य सेवा के साथ शोध कार्य भी किया जा रहा है
सभी वनस्पति सूर्य और चंन्द्र से ही होती है नियंत्रित
देषज परपंराओं की बात होती है। सभी वनस्पति आधारित व्यवस्था पर ही आती है। सभी वनस्पति सूर्य और चंन्द्र से ही नियंत्रित होती है। हमें सभी प्रकार की चिकित्सा व्यवस्थाओं में सामंजस्य पर काम करना होगा और इस दिषा में आरोग्य भारती में श्रेष्ठ कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि बीमिारियों के मूल कारण पर काम होने से रोग दोबारा नही होंगे और आयुर्वेद इसी पर काम करता है। हमारे देषज व्यवस्थाओं को ऋषियों मुनियों ने काल सुसगत आधार पर ही तैयार किया था। सभी देषज परंपराओं को अंतराष्ट्रीय मानको के आधार पर जाँचा परखा जाना जरूरी है तभी विष्व स्तर पर भी मान्यता मिल सकेगी और युवाओं स्वीकार्यता मिलेगी।