प्रत्येक व्यक्ति की इच्छा होती है कि जीवन भर स्वस्थ एवं सक्षम रहें। कोई भी सरकार या सामाजिक संगठन अलग-अलग या मिलकर भी सभी को स्वस्थ नहीं कर सकते। इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति को जागरूक होना होगा।
आयुर्वेद में वर्णित ’’आरोग्यम् मम् स्वभावः अधिकारः कर्तव्यम् च’’ स्वस्थ रहना मेरा स्वभाव है मेरा अधिकार और कर्तव्य भी है।