आरोग्य संपदा “प्रसन्न आत्मेन्द्रिय मन:” अंक फरवरी 2024आप सबके हाथों में। स्वयं पढ़िए दूसरों को पढ़ाइये , सदस्य बनिये दूसरों को सदस्य बनाइए।
पं. दुर्गेश बरुआ
प्रत्येक व्यक्ति की इच्छा होती है कि जीवन भर स्वस्थ एवं सक्षम रहें। कोई भी सरकार या सामाजिक संगठन अलग-अलग या मिलकर भी सभी को स्वस्थ नहीं कर सकते। इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति को जागरूक होना होगा।
पं. दुर्गेश बरुआ