प्रत्येक व्यक्ति की इच्छा होती है कि जीवन भर स्वस्थ एवं सक्षम रहें। कोई भी सरकार या सामाजिक संगठन अलग-अलग या मिलकर भी सभी को स्वस्थ नहीं कर सकते। इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति को जागरूक होना होगा।
आयुर्वेद में वर्णित ’’आरोग्यम् मम् स्वभावः अधिकारः कर्तव्यम् च’’ स्वस्थ रहना मेरा स्वभाव है मेरा अधिकार और कर्तव्य भी है।
आरोग्य भारती द्वारा दि 29-30 जून 2024 को द्वि दिवसीय आध्यात्मिक स्वास्थ्य की राष्ट्रीय कार्यशाला वेटरनरी कॉलेज जबलपुर म. प्र. उद्घाटन और समापन सहित 8 सत्रों में संपन्न हुई l इस कार्यशाला में राष्ट्रीय पदाधिकारी संगठन सचिव आदरणीय *डॉ अशोक कुमार वार्ष्णेय , राष्ट्रीय सचिव डॉ टी एन मंजूनाथ, Dr GS Tomar, एवं श्री भोलानाथ जी की उपस्थिति रही l प्रथम सत्र में डॉक्टर अशोक कुमार वार्ष्णेय जी ने आध्यात्मिक स्वास्थ्य हमारी कल्पना, उद्घाटन सत्र में कार्यशाला की भूमिका, उद्घाटन सत्र में कार्यक्रम की अध्यक्षता परम पूज्य स्वामी डॉ नरसिंहदास जी महाराज नरसिंह पीठाधीश्वर गीता धाम द्वारा की गई।मुख्य वक्ता राष्ट्रीय संगठन सचिव डॉ अशोक कुमार वार्ष्णेयजी एवं राष्ट्रीय सचिव, Dr टी. एन. मंजूनाथ जी रहे।मुख्य अतिथि आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अशोक खंडेलवालजी, विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मा. प्रांत संघ चालक डॉ प्रदीप दुबे जी एवं पशु चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ राजेश कुमार शर्मा जी रहे।आरोग्य भारती महाकौशल प्रान्त अध्यक्ष डॉ राजेश धीरावाणीजी की विशेष उपस्थिति रही l उद्घाटन सत्र में 180 व्यक्तियों की उपस्थिति रही। विषय विशेषज्ञों द्वारा आध्यात्मिक स्वास्थ्य पर अनेक विषय- गीता में आध्यात्मिक स्वास्थ्य ,गर्भ संस्कार में आध्यात्मिक, पारिवारिक व्यवहार में आध्यात्मिकता ,आयु के साथ आध्यात्मिक स्वास्थ्य के बदलते प्रतिमान, अष्टांग योग में आध्यात्मिक स्वास्थ्य, संपूर्ण स्वास्थ्य में आध्यात्मिकता का योगदान, सकारात्मक से आध्यात्मिक स्वास्थ्य, अनुभव कथन , प्रांत के अनुसार आगामी योजनाएं ,जिज्ञासा समाधान ,धन्यवाद , डॉ अशोक कुमार जी द्वारा हम सबको पाथेय प्राप्त हुआ l इस कार्यशाला में 12 प्रांतों से 46 पुरुष 15 महिलाएं कुल 61 संख्या की उपस्थिति रही l