पतरातू में आरोग्य भारती की तीन दिवसीय कार्यशाला का समापन ‘जहां अपेक्षित हो, वहां उपस्थित रहें’ के नारे के साथ हुआ।
पतरातू, निज प्रतिनिधि। ‘जहां अपेक्षित हो, वहां उपस्थित रहें’ के नारे के साथ आरोग्य भारती संगठन द्वारा आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला का गुरुवार को समापन हो गया। इस समारोह में आरोग्य भारती के विभिन्न पहलुओं के साथ-साथ इसकी भावी योजनाओं पर विशेष चर्चा की गई। मौके पर डॉ. अशोक वार्ष्णेय ने कहा कि नए कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित कर उन्हें उनकी जिम्मेवारियों का बोध कराना होगा। मौके पर डॉ. अशोक ने आरोग्य भारती की योजनाओं को भविष्य में सुचारू रूप से क्रियान्वित करने का तरीका बताया। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं का सक्रिय कार्य ही उनका प्रमाण है। उन्होंने नए कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देने, उन्हें उनकी जिम्मेवारियों का बोध कराने और एक स्थान पर एक से अधिक कार्यों को सक्रियता से करने की बात कही। चर्चा को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि भविष्य का लक्ष्य सहकर्मियों के साथ समन्वय बनाए रखना है। साथ ही केंद्र की जानकारी का पालन करना है। गुरुवार को पतरातू में आयोजित आरोग्य भारती कार्यशाला के समापन समारोह में उपस्थित गणमान्य। इसे करते हुए इसे सुचारू रूप से करना है। अंत में उन्होंने आध्यात्मिक स्वास्थ्य और निर्जलीकरण जैसे विषयों से जुड़ने की भी बात कही। कार्यक्रम में आरोग्य भारती के नियोजन और प्रशिक्षण आयामों पर चर्चा की गई। आरोग्य मित्र प्रशिक्षण, स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम, महिला कार्य, स्वास्थ्य ग्राम योजना, सूर्य नमस्कार और योग, घरेलू उपचार और मधुमेह योग प्रबंधन पर भी चर्चा की गई। कार्यक्रम को डॉ. राकेश पंडित ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों से आए सदाशिव, विनोद जैन, डॉ. ओम प्रकाश सोनी, पंकज विश्वास, नीलकमल चक्रवर्ती, राजादुरई, कार्तिकेश्वर, कुमार स्वामी आदि लोगों ने अपनी सहभागिता प्रस्तुत की। कार्यक्रम की शुरुआत जहां स्वस्थ और सुखी जीवन जीने से हुई, वहीं इसका समापन भविष्य में आरोग्य भारती की योजनाओं को लागू करने के साथ हुआ।कार्यक्रम के अंत में आरोग्य भारती के संरक्षक सिद्धिनाथ सिंह ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सोचो, प्रस्ताव करो, चर्चा करो, डिजाइन करो और क्रियान्वयन करो के सूत्र पर चलकर हम सभी इस क्षेत्र में भी सफलता प्राप्त करेंगे।